ब्रज बांसुरी" की रचनाएँ .......डा श्याम गुप्त ...
कृति--- ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा में विभिन्न काव्यविधाओं की रचनाओं का संग्रह )
रचयिता ---डा श्याम गुप्त
--- श्रीमती सुषमा गुप्ता
प्रस्तुत है ---भाव अरपन ...चार ,,पद ..सुमन -१. प्रेम गली की राह ..
चलौ रे मन प्रेम गली की राह ,
प्रीति की पावन गली सुहानी वट सी शीतल छाँह |
प्रेम पसीजे तन मन भीजै, मन में भरै उछाह |
जितनौ गहरे पथिक चलौ रे आनंद मिलै अपार |
प्रभु की प्रीति मिले जेहि मग में सोई साँची राह |
प्रेम की संकरी गली चले जो तकै न दूजी राह |
श्याम' जो प्रभु की प्रीति बसे मन दूजी रहै न चाह ||
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें